मटकू गदहा आलसी, सोता था दिन-रात
समझाते सब ही उसे, नहीं समझता बात
मिलता कोई काम तो, छुप जाता झट भाग
खाता सबके खेत से, चुरा-चुरा कर साग
बीवी लाती थी कमा, पड़ा उड़ाता मौज
बैठाये रखता सदा, लफंदरों की फौज
इक दिन का किस्सा सुनो, बीवी थी बाजार
मटकू था घर में पड़ा, आदत से लाचार
जुटा रखी थी आज भी, उसने अपनी टीम
खिला रहा था मुफ्त में, दूध-मलाई, क्रीम
उसके सारे दोस्त थे, छँटे हुए बदमाश
खेल रहे थे बैठ के, चालाकी से ताश
मौका बढ़िया ताड़ के, चली उन्होंने चाल
मटकू को लड्डू दिया, नशा जरा सा डाल
जैसे ही मटकू गिरा, सुध-बुध खो बेहोश
शैतानों पर चढ़ गया, शैतानी का जोश
सारे ताले तोड़ के, पूरे घर को लूट
बोरी में कसके सभी, लिये फटाफट फूट
बीवी आई लौट के, देखा घर का हाल
रो-रो के उसका हुआ, हाल बड़ा बेहाल
मटकू को ला होश में, बतला के सब बात
मारी उसको खींच के, पिछवाड़े पर लात
मटकू भी रोने लगा, पकड़-पकड़ के कान
नहीं दिखाऊंगा कभी, ऐसी झूठी शान
सीख लिया मैंने सबक, पड़ा चुकाना दाम
होता उल्टे काम का, गलत सदा परिणाम
Bahut Pyari Baal Rachna
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया मोनिका शर्मा जी........
हटाएंबहुत ही सुन्दर बाल रचना,आभार.
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक आभार आदरणीय राजेन्द्र सर........
हटाएंBahut Badhiya Kavita
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद चैतन्य। रचना तुम्हें पसंद आई, जानकर बहुत अच्छा लगा। मेरे ब्लॉग पर तुम्हारा स्वागत है।
हटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के चर्चा मंच 1214 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंअवश्य मित्रवर...........इस सम्मान के लिए आपका ह्रदय से आभार..........
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
पधारें "आँसुओं के मोती"
प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा वर्मा जी........
हटाएंबहुत सुंदर बाल रचना गौरव ,
जवाब देंहटाएंशुभाशीष
''माँ वैष्णो देवी ''
आपका आशीष पाकर मन मुग्ध हुआ आदरणीया........हार्दिक आभार.........
हटाएंअच्छी बाल कहानी जो बडों के लिये भी प्रेरक है.
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय सुशील बाकलीवाल सर.....
हटाएंबहुत सुन्दर बाल रचना !
जवाब देंहटाएंlatest post वासन्ती दुर्गा पूजा
LATEST POSTसपना और तुम
आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय कालीपद प्रसाद जी। बहुत-बहुत धन्यवाद..........
हटाएंwah, bahut khub main print le raha apne bete ke liye :)
जवाब देंहटाएंआदरणीय मुकेश कुमार सिन्हा जी, आपकी प्रतिक्रिया बेहद प्रोत्साहित कर रही है। आपका हार्दिक आभार.........
हटाएंआपका स्वागत है आदरणीया शिखा कौशिक जी। सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत आभार............
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