बहुत जल्दी दिखेगा
देख लेना ये गगन भगवा
हमारी आन है भगवा, हमारी जान है भगवा
हमारी मातृभू के तेज की पहचान है भगवा
हमें पाला सदा जिसने बहाकर प्रेम निर्झरणी
उसी माँ भारती के नेह का गुणगान है भगवा
नियम, अधिकार है भगवा, सुखद, उपहार है भगवा
हमारे शीश पर सजकर बना शृंगार है भगवा
जहाँ उपवन वहाँ ये सावनी बौछार बन जाता
जिधर काँटे, दुधारी बस वहाँ तलवार है भगवा
हमारी हर लगन भगवा, हमारा मन मगन भगवा
हृदय में जल रही जो नित्य वो पावन अगन भगवा
अभी तो हाथ में ही है ध्वजा के रूप में लेकिन
बहुत जल्दी दिखेगा, देख लेना ये गगन भगवा

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