मित्रों को सादर नमस्कार
आज बात करते हैं कुंडलिया छंद की। मित्रों, कुंडलिया छंद, दोहा और रोला के योग से बनता है। यह छः पदों का छंद है, जिसमें पहली दो पंक्तियाँ दोहे के शिल्प पर होती हैं और बाकी चार, रोले पर। कुंडलिया छंद में जिस शब्द/ शब्द समूह से छंद का आरंभ होता है, उसी से उसका समापन भी किया जाता है। इसके अलावा, कुंडलिया का चौथा चरण, हूबहू उसका पाँचवा चरण भी बन जाता है। इसी ब्लॉग पर मैंने दोहा, मात्रा गणना, मात्रा संयोजन आदि पर भी पोस्ट लिखे हैं, साथ में उनका वीडियो ट्यूटोरियल भी उसी पोस्ट में लगाया हुआ है। आप चाहें तो देख सकते हैं।
कुंडलिया छंद का उदाहरण नीचे दे रहा हूँ -
भाई-भाई में बढ़ा, डेटा वाला प्यार।
हॉटस्पॉट से जुड़ गये, खत्म हुई तकरार॥
खत्म हुई तकरार, नेट पर समय बिताते,
अपने-अपने बीज, प्यार वाले अँकुराते।
एक हुआ परिवार, धन्य हो वाई-फाई,
ऐसे सुंदर दृश्य, दिखाओ हर दिन भाई॥
इस कुंडलिया छंद में, आप देख पा रहे होंगे कि "भाई" शब्द से ही इसका आरंभ-समापन हो रहा है। इसके अलावा चौथा चरण "खत्म हुई तकरार" को ही हूबहू इसका पाँचवा चरण भी बना दिया गया है।
कुंडलिया छंद के शिल्प की यही विशेषता उसे ऐसा रूप देती है, मानों कोई नाग कुंडली मार कर बैठा हो! संभवतः इसी कारण से इसको कुंडलिया कहते हैं! इसके अलावा दोहा और रोला के आपस में कुंडलित होने से भी यह नाम हो सकता है!
आपलोगों की सुविधा के लिए कुंडलिया छंद का वीडियो ट्यूटोरियल भी लगा रहा हूँ। इससे आपको प्रैक्टिकली समझने में आसानी होगी।
यदि कोई सुझाव अथवा प्रश्न हो तो कमेंट में पूछ सकते हैं।
धन्यवाद
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंभाई, आपका हार्दिक आभार
हटाएंसरल भाषा में बताया है । अति सुंदर ।
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