उल्लाला छंद की बात करें तो यह चार चरणों तथा दो पदों का छंद है। इसको दो प्रकार से लिखा जा सकता है-
(१) १३,१३ मात्राओं के दो पदों वाला उल्लाला
(२) १५, १३ मात्राओं के दो पदों वाला उल्लाला
इन दोनों ही प्रकारों में जो १३-१३ मात्राओं वाला भाग है, उसका मात्रा संयोजन दोहे के विषम चरणों की तरह होता है। यदि आपने दोहे से सम्बन्धित मेरी पोस्ट नहीं पढ़ी हो, तो आप उसे इसी ब्लॉग पर पिछली पोस्ट्स में पढ़ सकते हैं। उल्लाला के १५ मात्राओं वाले भाग का मात्रिक संयोजन भी १३ मात्राओं वाले भाग की तरह होता है किन्तु उसके आरम्भ में एक द्विकल जोड़ दिया जाता है, जिससे कि वह १५ मात्राओं का हो जाए।
मात्रा गणना और मात्रा संयोजन दोनो ही विषयों पर मेरी पोस्ट्स इसी ब्लॉग पर हैं और साथ में सबका वीडियो ट्यूटोरियल भी मैंने लगाया है। उल्लाला के दोनों प्रकारों में तुकांतता की बात करें तो १३, १३ मात्राओं वाले उल्लाला के सम चरण तुकांत होते हैं अथवा आप चाहें तो विषम-सम चरण भी तुकांत कर सकते हैं। १५, १३ मात्राओं वाले उल्लाला में केवल सम चरणों का तुक चलता है।
उदाहरण देखिए -
१३, १३ मात्राओं वाला उल्लाला
कदम आपके क्या पड़े, मेरा आँगन खिल गया।
खुशियों का उपहार जो, बिन माँगे ही मिल गया॥ (तुक सम चरणों में)
आप हमारे मीत हैं, हर्षित मन के गीत हैं।
शब्द-पुष्प महकाइए, चन्दा निकला, गाइए॥ (तुक विषम-सम चरणों में)
१५, १३ मात्राओं वाला उल्लाला
"मैं-तुम" का झंझट क्यों रहे? "हम" बनने आ जाइए।
मैं उपवन बनने जा रहा, आप रंग ले आइए॥ (तुक केवल सम चरणों में)
विशेष जानकारी के लिए आप चाहें तो इस छंद का वीडियो ट्यूटोरियल भी यहाँ देख सकते हैं।
वीडियो यहाँ ट्यूटोरियल देखें -
धन्यवाद
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