जय महादेव, जय शिवशंकर
जय सृष्टिरूप, जय प्रलयंकर
तुम ही हो वेद ऋचाओं में
सावन की मस्त घटाओं में
हे अजर, अमर, सत, अविनाशी
हे डमरूधारी कैलाशी
मंदिर के दीप तुम्हारे हम
जीते हैं इसी सहारे हम
तुमने ही तो भेजा जग में
जन्म-मरण वाले इस मग में
बस, और नहीं तरसाओ अब
भवसागर पार लगाओ अब
Tags : महाशिवरात्रि विशेष, महाशिवरात्रि 2021, शिव भजन

सरल सहज वंदना भोलेनाथ की | हार्दिक शुभकामनाएं गौरव जी |
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक आभार मैम
हटाएंबहुत सुंदर प्रार्थना ।
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक आभार मैम
हटाएंॐ नम: शिवाय
जवाब देंहटाएंॐ नम: शिवाय
हटाएंहृदयाग्रही प्रार्थना भोलेनाथ की ..बहुत सुंदर..समय मिले तो कृपया मेरे कविताओं के ब्लॉग पर अवश्य पधारें..सादर नमन..
जवाब देंहटाएंजी अवश्य मैम, आपका हार्दिक आभार
हटाएंवाह बाबा भोले को भोला-भाला आग्रह!!! शुभकामना!!!
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर
हटाएंबहुत मधुर बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर
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