शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

माँ के आँचल के तले (कुंडलियाँ)





















1. प्यारा सा उद्यान

पथ पर मेरे यदि कहीं, पड़ता रेगिस्तान।
माँ ले आती ढूँढ के, प्यारा सा उद्यान॥

प्यारा सा उद्यान, संग उसके चलता है,
मेरा हर इक स्वप्न, जहाँ हँस-हँस पलता है।

देती जब वो हाँक, सारथी बन मेरा रथ,
देखा है उस समय, स्वयं बनते जाते पथ॥

2. माँ के आँचल के तले

बाहर आँधी चीख ले या गरजे तूफान।
माँ के आँचल के तले, फूल सुनाते गान॥

फूल सुनाते गान, जगत मुट्ठी में होता,
कहानियों का एक, सुखद भंडार सँजोता।

परियाँ लातीं नींद, थपकियाँ हर लेतीं डर,
चिड़ियों को ले सुबह, धूप खिल आती बाहर॥

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