"एऽऽऽऽ कोन है रे तुमलोग? बचाओऽऽ बचाओऽऽ अरे पकड़ो........"
हथियारबंद नकाबधारियों से अपनी पोती को छीनते रामनाथ बाबू की आर्त पुकार दूरतक जा रही थी लेकिन सुननेवाले अपने-अपने घरों में जा छिपे थे। कुन्दे के एक जोरदार प्रहार ने दादा को पोती का हाथ छोड़नेपर मजबूर कर दूर गिरा दिया। वैन में बच्ची को डाल अपराधी हवा हो गये।
"अरे काहे जाएँ ओट-वोट देने?......बाहुबलिए जीत जाएगा तऽ हमरा का बिगड़ेगा?....."
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