रविवार, 26 अगस्त 2018

राष्ट्रवंदना (पंचचामर छंद)





















प्रणाम मातु भारती, प्रणाम भूमि वत्सला।
ममत्व, सौख्य दायिनी, सुरम्य, सौम्य, उज्ज्वला।
विचार, भाव वेद के, पवित्रता पुराण की।
अनन्य शौर्य शक्ति का व धार शंभु-बाण की॥

विराट लोकतंत्रिणी, सुमंगला, यशस्विनी।
महान मातृभू तुम्हीं मनस्विनी, तपस्विनी।
नमामि गंग वाहिका, सुहासिनी, सुभाषिणी।
सनातनी, सुलक्षणा, सदैव धर्म-धारिणी॥

प्रणाम मातु भारती, स्वराष्ट्र विश्वजीत हो।
प्रसून व्योम से झरें व व्याप्त राष्ट्रगीत हो।
समस्त लक्ष्य पूर्ण हों, प्रदीप्त हो प्रचंडता।
"कुमार" कामना करे, अनंत हो अखंडता॥

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