आज का समय ऐसा है कि किसी भी उद्यम की सफलता में प्रोडक्ट इनोवेशन एवं ग्राहकों का अनुभव बहुत महत्व रखने लगा है, जिसके कारण इन दिनों कंपनियों में प्रोडक्ट मैनेजर्स की मांग बढ़ गई है, विशेषकर आईटी सेक्टर की कंपनियों में। आप किसी भी जॉब पोर्टल पर जाएँ, प्रोडक्ट मैनेजमेंट करने वालों के लिए खूब मौके दिखाई देते हैं। प्रोडक्ट मैनेजमेंट वह फील्ड है जिसमें किसी भी आइडिया को प्रोडक्ट में बदलना और उसका पूरा रोडमैप तैयार करना सिखाया जाता है।
अपने देश में कुछ वर्ष पहले तक प्रोडक्ट डेवलपमेंट, मैनेजमेंट और मार्केटिंग का उतना चलन नहीं था किन्तु जोहो, इनमोबी, फ्रेशडेस्क, जोमैटो, फ्लिपकार्ट, मेक माई ट्रिप जैसे प्रोडक्ट इनोवेशन स्टार्टअप्स के आने के बाद से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो जिन कंपनियों में स्ट्रॉन्ग प्रोडक्ट मैनेजर्स की टीम होती है, वे नए बिजनेस मॉडल क्रिएट करने के साथ ही टेक्नोलॉजी इनोवेशन को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रोडक्ट मैनेजर किसी भी प्रोडक्ट का मुख्य कार्यकारी होता है। वह प्रोडक्ट से संबंधित हर फैसले लेता है यानी प्लानिंग करने, रणनीति बनाने, डिजाइनिंग करने से लेकर सेल्स, मार्केटिंग, ऑपरेशंस, फाइनेंस, कस्टमर सक्सेस, प्रोडक्ट की डिलीवरी जैसी सारी जिम्मेदारी प्रोडक्ट मैनेजर की होती है। अच्छे प्रोडक्ट मैनेजर्स वही माने जाते हैं, जो टेक्नोलॉजी के प्रयोग एवं उसके प्रभाव को अच्छी तरह से समझते हों। इन दिनों डाटा की महत्ता बढ़ने से प्रोडक्ट मैनेजर्स की भूमिका और भी बढ़ गई है।
बेसिक स्किल्स
एक प्रोडक्ट मैनेजर का ज्यादातर समय स्ट्रेटेजी बनाने एवं आकलन करने में निकलता है। वह जानने का प्रयास करता है कि ग्राहकों की अमुक उत्पाद के प्रति क्या प्रतिक्रिया या फीडबैक है, ताकि वह अपने ग्राहकों की पसंद-नापसंद को अच्छे से जान सकें और उसके अनुरूप प्रोडक्ट को और बेहतर बना सकें।
शैक्षिक योग्यताएँ
वैसे तो आप किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट हों तो प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में करियर बना सकते हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी के साथ एमबीए या प्रोडक्ट मैनेजमेंट की स्पेशलाइज्ड डिग्री हो, तो इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करना आपके लिए आसान हो जाएगा। कई अच्छे भारतीय शिक्षण संस्थानों में एमबीए के अलावा प्रोडक्ट मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स ऑफर किए जा रहे हैं, जैसे-पिछले दिनों आइआइएम इंदौर ने जिगशॉ एकेडमी के साथ मिलकर पोस्ट ग्रेजुएट र्सिटफिकेट प्रोग्राम इन प्रोडक्ट मैनेजमेंट का नया कोर्स शुरू किया। इसमें 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन या पीजी करने वाले स्टूडेंट नामांकन करा सकते हैं।
संभावनाएँ
हमारे देश में अभी 3100 से अधिक टेक स्टार्टअप्स हैं, जिनकी संख्या आने वाले दिनों में 11,500 तक पहुंचने की आशा है। ऐसे में प्रोडक्ट मैनेजर्स की आइटी, आइटीईएस, ई-कॉमर्स, रिटेल, कंज्यूमर गुड्स, हेल्थकेयर, ट्रैवेल, हॉस्पिटैलिटी, बैंकिंग, इंश्योरेंस, एडुटेक, फिनटेक जैसे सेक्टर्स में खूब डिमांड होगी। पांच साल पहले की तुलना में देखा जाए तो आने वाले समय में इनकी मांग लगातार बढ़ती ही जानी है।
प्रमुख संस्थान
आइआइएम इंदौर
आइआइएम, बेंगलुरु
इंस्टीट्यूट ऑफ मार्केटिंग कम्युनिकेशंस इंडिया, नोएडा
इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोडक्ट लीडरशिप, बेंगलुरु
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर
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