चिट्ठियों का वो जमाना
एक समय था जब लोग पोस्टमैन को देखते ही उसके पास जाते थे। पूछा जाने लगता था कि क्या मेरी भी कोई चिट्ठी आयी है? समय बदला और कंप्यूटर-मोबाइल ने एक-दूसरे से बात करना बेहद आसान बना दिया। ये बढ़ते समय के साथ अच्छा भी है लेकिन हाथ से लिखी गयी चिट्ठियों की बात ही अलग होती है। पहले जब कोई चिट्ठी आती थी तो उसके शब्दों को पढ़कर ऐसा लगता था जैसे लिखने वाला खुद ही उन अक्षरों के साथ कागज की नाव में बैठकर हमारे पास आ गया है।
हाथ से चिट्ठी लिखने के कई लाभ
क्यों लिखें चिट्ठियाँ?
पेरेंट्स हों या टीचर्स, ये सब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। दोस्तों के साथ हम मनोरंजन के अलावा जिंदगी के कई बड़े-बड़े काम कर डालते हैं। ये अवसर है कि तुम उनको थैंक्यू कहने के लिए इस यूनिक तरीके का उपयोग करो। चूँकि आज जमाना टेक्नोलॉजी का है तो तुम डिजिटल तरीकों का भी लाभ उठा सकते हो। तुम्हारा जो दोस्त पास में नहीं हो, उसके लिए चिट्ठी लिखकर, स्कैन कर के जेपीईजी इमेज या पीडीएफ फाइल बनाकर उसे ई-मेल कर दो।
कैसे लिखी जाए ऐसी चिट्ठी?
तुम सबको लेटर राइटिंग तो आती ही होगी। सो बेसिक तरीका तो वही रहेगा, बस ध्यान रखना कि लेटर में उन बातों का जरूर उल्लेख करो, जिनके चलते तुम लेटर लिख रहे हो। जैसे अगर तुम्हारे टीचर के पढ़ाने का तरीका तुम्हें अच्छा लगा हो तो इस प्वाइंट का जिक्र कर के, सुंदर से सुंदर ढंग से अपने मन की बात लिखकर उनको आभार जताओ।
तुम सब चाहो तो सोशल मीडिया के जिस प्लेटफॉर्म का यूज करते हो, वहाँ हैशटैग #WriteALetterAppreciationWeek के साथ बाकी लोगों को भी इस वीक में इनवाइट कर सकते हो।


जी आपका हार्दिक आभार मैम
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और सारगर्भित विषय पर आपका लेखन..साधुवाद..समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर अवश्य पधारें..
जवाब देंहटाएंजी जरूर मैम, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंसार्थक, सारगर्भित, उपयोगी लेख।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आपका
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