भला कौन ऐसा होगा जिसे फूल-पौधों से प्यार न हो? लोगों का बस चले तो पूरा बगीचा ही उठाकर घर ले आएँ! अपने-अपने घरों में गमले सजाकर हम अपनी इसी इच्छा को संतुष्ट करने का प्रयास भी करते हैं। वास्तुशास्त्र में भी अलग-अलग पौधों के विभिन्न लाभ बताए जाते हैं। आमतौर पर छत, पोर्टिको जैसी जगहों पर गमले लगाने का चलन है लेकिन फैशन के इस दौर में बेडरूम, ऑफिस भी इससे अछूते नहीं हैं। किसी खास अवसर पर बुके की जगह एक सुंदर पौधे वाला गमला भेंट करने का प्रयोग भी खूब पसंद किया जाने लगा है।
मनमोहक गमले
गमलों का पारंपरिक रूप जो हम देखते आए हैं, अब बात वहीं तक सीमित नहीं रही है। अवसर और स्थान के अनुसार आपके लिए एक से बढ़कर एक इतने मनमोहक डिजाइन के गमले आ चुके हैं कि देखने वाला वाह-वाह कर उठे! बच्चों के रूम में रखने के लिए खिलौनों के आकार के फ्लावर पॉट्स, ऑफिस के लिए पेन स्टैंड वाले और किचन में सजाने के लिए कॉफी मग की शेप में गमले उपलब्ध हैं। पिछले महीने बीते वैलेंटाइन वीक के दौरान दिल की शेप वाले गमलों की रेंज को काफी पसंद किया गया था। इन गमलों में आप रुचि अनुसार कोई भी प्लांट लगा सकते हैं।
होम गार्डन स्टोर
अगर आपको बागवानी का शौक है तो आपका ये शौक आपको आर्थिक लाभ भी दिला सकता है। अपना होम गार्डनअप स्टोर स्थापित करें। अगर आपके घर में इतनी जगह है कि आप अपनी नर्सरी वहाँ सेट कर सकें तो ये बहुत अच्छा होगा। आप जिस इलाके में रहते हैं, वहाँ के मौसम के हिसाब से उगने वाले पेड़-पौधे और कुछ बेसिक पेड़-पौधों के बारे में जानकारी रखें और लगाएँ। पुराने प्लास्टिक के डिब्बों, बोतलों और टायर आदि को प्लांटर्स का रूप दिया जा सकता है। इससे आपको प्लांटर्स पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं पड़ेगा। अच्छे और स्वस्थ पौधे लाकर शुरूआत करें या फिर अपने घर में पहले से उपलब्ध पौधों से नए पौधे बना सकते हैं। पाँच हजार में आप ये काम शुरू कर सकते हैं।
ईमानदारी से सफलता
नेचर्स लवर्स जोन, देहरादून की प्रोपराइटर दिव्या राजेश्वरी बताती हैं कि अपने बिज़नेस में हर कदम पर सच्चा होना जरूरी है। हमारे पास गमलों की जो भी रेंज है, उनका प्राइस तय करते समय ध्यान रखना होता है कि पौधे की कीमत क्या पड़ी है और साथ में दिए जा रहे गमले में कितनी लागत आयी? जल्दी लाभ कमाने के चक्कर में ज्यादा कीमत रखना नुकसानदेह हो सकता है। लोग अपने लोकल एरिया में यही सोचकर ऐसी चीजें लेने आते हैं कि उनके बजट में उनको अच्छा सामान मिल जाए! घरेलू महिलाओं के लिए यह एक अच्छा व्यवसाय साबित हो सकता है।
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जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (10-3-21) को "नई गंगा बहाना चाहता हूँ" (चर्चा अंक- 4,001) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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कामिनी सिन्हा
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंबढ़िया जानकारी ।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद मैम
हटाएंबहुत बहुत आभार लाभदायक जानकारियाँ देने के लिए |
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर, स्नेह बनाए रखें
हटाएंबहुत बढ़िया जानकारी।
जवाब देंहटाएंसादर आभार मैम
हटाएंउपयोगी लेख.
जवाब देंहटाएंसादर आभार मैम
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