महिला दिवस के मौके पर प्रिंट-डिजिटल सभी माध्यमों में महिलाओं के लिए तरह-तरह की उपमाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसा लगने लगता है कि जैसे सबकुछ ठीक हो गया हो लेकिन नतीजे ज्यादा उत्साहवर्धक नहीं आते। इसका कारण है कि जब तक किसी भी चीज को हम सामान्य रूप से नहीं लेंगे, तब तक परिवर्तन नहीं आएगा। महिलाओं के बारे में यही कहा जा सकता है कि न तो महिला-पुरुष को समान तराजू पर तौलना संभव है और न ही महिला को इंसान से इतर किसी परिभाषा में देखना सही है। समान तराजू की बात यहाँ इसलिए क्योंकि महिला-पुरुष दोनों का शारीरिक, वैचारिक ढाँचा अलग होता है और महिलाएँ भी इंसान होती हैं। अनावश्यक अपेक्षाओं का बोझ कोई भी लिंग, समुदाय नहीं सह पाता। यहाँ महिला-पुरुष, आपस में किसी से कम-अधिक योग्य नहीं है बल्कि अपनी-अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। आइए बात करते हैं उन पाँच बिंदुओं पर, जिनको अपने स्वभाव में ढाल कर महिलाओं के प्रति वातावरण अच्छा बना सकते हैं।
• ऑटो, ऑफिस, मार्केट या कहीं भी, महिलाओं को देखने पर अपनेआप को सहज रखें। न अचानक से स्मार्ट बनने की कोशिश शुरू करें और न ही उनकी गतिविधियों को निहारना या जबरदस्ती सहायता ऑफर करना। सोचिए कि आपके सामने कोई मनुष्य ही आया है। एलियन नहीं जो चारों ओर से टकटकी लगा ली जाए।
• महिलाओं को लेकर चटखारे वाली चर्चाओं से दूर रहें। अवचेतन में इनका प्रभाव पड़ता है जिससे अनायास ही अपराध हो जाते हैं।
• ऑफिस या सोशल साइट पर, किसी महिला के रूप-रंग या काम को लेकर झूठी तारीफें बिल्कुल मत करें। इन तरीकों से कोई समझदार, शिष्ट महिला प्रभावित नहीं होती है, ध्यान रखें। किसी को पटाने का सोच कर की गयी आपकी हल्की हरकत, आपकी और पुरुष समाज की छवि खराब करती है।
• बाहर की चिन्ता छोड़ के पहले अपने घर की महिलाओं, माँ, पत्नी की सहायता करें। जिस स्तर का सहयोग वे माँगे, देने का प्रयास करें।
• किसी उत्सव पर महिलाओं को रंग लगाने, साथ डांस करने को लेकर मन में उठती कुलबुलाहट को नियंत्रित करना सीखें। यही कुलबुलाहट अचानक गलत मोड़ भी ले लेती है। रंग जो सामने मिले, उसे लगाइए। जो आपका हाथ थामे, उसके साथ डांस करिए। हर जगह किसी महिला को मत खोजिए।
#internationalwomensday2021 International Women's Day 2021
अच्छे सुझाव हैं |काश सब इनका अनुसरण करें |
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