दिल न जलती किताब हो जाए।
गुम न कोई जवाब हो जाए।
झूठ का काम आज करना फिर,
एक सच का नकाब हो जाए।
शौक से हम करें शुरू पीना,
प्रीत तेरी शराब हो जाए।
पीर ने जोश-होश को बोला,
साथियों! इंकलाब हो जाए।
वह कली आजकल तरसती है,
एक भँवरा खिताब हो जाए।
लेखनी ने लिया-दिया क्या-क्या,
आज इसका हिसाब हो जाए।
जब उगा ही रखे कई काँटे,
जिंदगी अब गुलाब हो जाए।
मत हवा से करो अधिक बातें,
चिढ़ न किस्मत खराब हो जाए।
गुम न कोई जवाब हो जाए।
झूठ का काम आज करना फिर,
एक सच का नकाब हो जाए।
शौक से हम करें शुरू पीना,
प्रीत तेरी शराब हो जाए।
पीर ने जोश-होश को बोला,
साथियों! इंकलाब हो जाए।
वह कली आजकल तरसती है,
एक भँवरा खिताब हो जाए।
लेखनी ने लिया-दिया क्या-क्या,
आज इसका हिसाब हो जाए।
जब उगा ही रखे कई काँटे,
जिंदगी अब गुलाब हो जाए।
मत हवा से करो अधिक बातें,
चिढ़ न किस्मत खराब हो जाए।
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