सोमवार, 16 जुलाई 2018

कानून (लघुकथा)

"दीपिका, तू आजकल कुछ ज्यादा ही उस अमन के साथ टाइमपास करती दिख रही है"

"अरे यार कॉलेज में जो डांस कंपिटिशन होने जा रहा है न उसके एक जज को ये जानता है। अब आजकल के जमाने में बिना ये सब किए कहाँ आगे बढ़ता कोई"

"लेकिन अगर उसने तेरे साथ मस्ती करने के बाद भी तेरा काम न किया तो?"


"तो वो घूरने-पीछा करने और छेड़खानी रोकने के लिए बना  कानून कब काम आएगा?"

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