मंगलवार, 17 जुलाई 2018

फ्री डेटा (हास्य कुंडलियाँ)

(1)
बेटा ब्रह्म मुहूर्त में, आज गया जब जाग।
समझ लिया माँ-बाप ने, जगे हमारे भाग॥
जगे हमारे भाग, काम अब सभी बनेंगे,
सब पुरखों के नैन, स्वर्ग में दमक उठेंगे।
टूटे स्वप्न तुरंत, फोन ले सुत जब लेटा,
डेटा करने यूज, उठा था उनका बेटा॥

(2)
फ्री डेटा से बन गया, मोबाइल ही मॉल।
बैठे-बैठे हो रहे, सभी लोग फुटबॉल॥
सभी लोग फुटबॉल, हाय! चैटिंग के मारे,
खुश हैं वैद्य-हकीम, उन्हें तो वारे-न्यारे।
खतरनाक गैजेट, मारिए इन्हें चमेटा,
वर्ना लेगा लूट, आपको ये फ्री डेटा॥

(3)
भाई-भाई में बढ़ा, डेटा वाला प्यार।
हॉटस्पॉट से जुड़ गये, बंद हुई तकरार॥
बंद हुई तकरार, नेट पर समय बिताते,
अपने-अपने बीज, इश्क वाले अँकुराते।
एक हुआ परिवार, धन्य हो वाई-फाई,
ऐसे सुंदर दृश्य, दिखाओ हर दिन भाई॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें