(1) चंदामामा जी सुनिये
देखो अब सर्दी का मौसम
स्वेटर पहने घूम रहे हम
शाम कुहासा पसरा रहता
हमें घरों में छिपना पड़ता
छत पर मम्मी जाने न देगी
बाहर भी दिखते डाँटेगी
सो चंदामामा जी सुनिये
दो महीने दिन में भी दिखिये
तभी आपसे बतियाएँगे
वर्ना चुप हो सो जाएँगे
(2) पुराना कंबल
मेरे जितनी ही छोटी है
बस थोड़ी सी कम मोटी है
सुबह ठिठुरती चलती वो
कचरे में कुछ चुनती वो
बहुत दया मुझको आती
लेकिन चुप मैं रह जाती
आज एक जिद करती हूँ
उसको पूरी करवाओ
एक पुराना कंबल मेरा
पापा उसको दे आओ
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