(1)
सहे छप्पर
जाड़े के अत्याचार
दीन भाव से
(2)
चाँद सुनाता
रात भर तारों को
रोचक किस्से
(3)
पौन डाकिया
भँवरों तक लाया
पुष्पों की पाती
(4)
क्रुद्ध कपाट
चपल खिड़कियाँ
लड़ातीं नैन
(5)
बूढ़ा गुल्लक
सहेजे बचपन
कोने में पड़ा
(6)
टूटी खटिया
बाँटती सुख-दुख
फटे पर्दे से
(7)
आया फागुन
शीतनिद्रा से जागे
घर के पंखे
(8)
बीता चुनाव
मुखौटे उतारतीं
लालबत्तियाँ
सहे छप्पर
जाड़े के अत्याचार
दीन भाव से
(2)
चाँद सुनाता
रात भर तारों को
रोचक किस्से
(3)
पौन डाकिया
भँवरों तक लाया
पुष्पों की पाती
(4)
क्रुद्ध कपाट
चपल खिड़कियाँ
लड़ातीं नैन
(5)
बूढ़ा गुल्लक
सहेजे बचपन
कोने में पड़ा
(6)
टूटी खटिया
बाँटती सुख-दुख
फटे पर्दे से
(7)
आया फागुन
शीतनिद्रा से जागे
घर के पंखे
(8)
बीता चुनाव
मुखौटे उतारतीं
लालबत्तियाँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें