नव्या पढ़ाई में जुटी थी कि तभी दरवाजे की घंटी
बजी. मम्मी ने दरवाजा खोला तो बिजली बिल वाला था. वह पिछले महीने का बिल थमा के इस
महीने की रीडिंग लेकर चला गया. पापा ने देखा तो इसबार भी पिछले माह के मुकाबले और
ज्यादा बिल आया था. पूरे पाँच सौ रुपये ज्यादा. वे चिंतित होकर मम्मी से बोले,
“ये तो हर बार बढ़ता जा रहा बिजली बिल! ऐसे कैसे
चलेगा?”
मम्मी जानती थी कि ये सब नव्या की ही लापरवाही
का नतीजा. वह हमेशा कभी इस कमरे तो कभी उस कमरे के बत्ती, पंखे चलते छोड़ देती.
दो-दो घंटे तक बेकार में टीवी चलता रह जाता और नव्या छत पर घूम रही होती. उनलोगों
ने कई बार उसको समझाया कि बिजली को ऐसे बर्बाद नहीं करते, इसका खर्च देना पड़ता है
लेकिन कौन मानने वाला था! नव्या उस समय “हाँ” कह देती और बाद में फिर से वही आदत
लापरवाही की. मम्मी-पापा दुलारवश उसको कड़ाई से कुछ कह भी नहीं पाते थे.
नव्या ने जल्दी से उस वीडियो गेम का मूल्य
इन्टरनेट से पता लगाया जिसे वह लेना चाहती थी. वह छूट के साथ ग्यारह सौ रुपयों में
उपलब्ध था. इसके बाद उसने कुछ कॉमिक्स, खिलौने आदि की सूची बनाई. कुल मिलाकर दो
हजार रुपयों का सामान उसने लेना निश्चित कर लिया.
कुछ सप्ताह बाद चित्रकला प्रतियोगिता हुई. सचमुच
नव्या का चित्र सबसे सुन्दर पाया गया. उसे प्रथम पुरस्कार मिला. नव्या झूमती हुई
घर आयी. मम्मी-पापा भी उसकी सफलता से बहुत खुश हुए.
उसी दिन शाम को नव्या ने लैपटॉप चलाया और अपनी
पसंद के वीडियो गेम का ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए उसकी वेबसाइट खोली लेकिन ये क्या!
इतने दिनों के बीच उस पर मिल रही छूट समाप्त हो गयी थी और उसका मूल्य ग्यारह सौ से
बढ़कर पंद्रह सौ रुपये हो गया था. नव्या ने उसका ऑर्डर तो कर दिया लेकिन चार सौ
रुपये ज्यादा खर्च हो जाने के कारण वह अपनी पसंद की चीजों की सूची के अन्य कुछ
सामान नहीं खरीद सकी.
नव्या को ध्यान आया कि इसी तरह उसकी लापरवाही से
बढ़ते जा रहे बिजली बिल में अधिक खर्च हो जाने के कारण उसके पापा भी तो अपनी जरूरत
की कुछ चीजें नहीं ले पाते होंगे! वे मेरे मन का तो सबकुछ ले ही आते हैं किन्तु
अपने शौक में कटौती कर देते होंगे!
वह उसी समय उठी और पूरे घर में चल रहे उन सभी
उपकरणों को तुरंत स्विच ऑफ किया जिनकी उस समय कोई जरूरत नहीं थी. उसकी आँखों में
आँसू आ रहे थे. उसे अपनी भूल का अहसास हो चुका था. मम्मी-पापा उससे आज खुश थे. नव्या ने फैसला किया कि अब वह दूसरे बच्चों को भी बिजली की बचत के बारे में बताएगी. (समाप्त)
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आदरणीय :)
हटाएंसादर आभार भाई :) स्नेह बना रहे
जवाब देंहटाएंशिक्षाप्रद कहानी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक स्वागत आपका मेरे ब्लॉग पर :) स्नेह बना रहे, सादर आभार
हटाएंजन्माष्टमी की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ :)
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