शनिवार, 8 दिसंबर 2018

मजदूर

हाथ न फैलाते मजदूर
मेहनत की खाते मजदूर

चाहे जैसा हो मौसम
काम में जुट जाते मजदूर

एक से बढ़कर एक मकान
बना के मुस्काते मजदूर

बैठ शाम को फुर्सत में
सुख-दुख बतियाते मजदूर

चाहें हमसे थोड़ा प्यार
मस्ती में गाते मजदूर

जिस दिन मिले न मजदूरी
भूखे सो जाते मजदूर

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