मंगलवार, 15 जनवरी 2019

मुकदमा (अतुकांत)

मुकदमा "मैं" बनाम "हम" का
अंतस की अदालत में
दायर हो गया था
बचपन की विदाई के साथ ही

"मैं" की बढ़त ताकत देती है पंखों को
"हम" की प्रबलता ले लेती कुछ अंश
अंबर के लिए कर के रूप में
अंबर को मना भी नहीं कर सकते!

कितने ही खनकते पल
खर्च होते गये इस विवाद में अब तक
अनिर्णय का अट्टहास डरा रहा है
पाँवों के छालों का दायरा बढ़ा रहा है

जीवन सुविधानुसार बनता रहा
कभी अभियोजन तो कभी बचाव पक्ष
साँसों से कहती है हवा अक्सर
तेरे साथ ही थमेगा ये सारा खेल

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