सोमवार, 1 मार्च 2021

नारियाँ (गजल) - Gazal









घर-गृहस्थी का संगीत हैं नारियाँ।

रीत हैं नारियाँ, प्रीत हैं नारियाँ।


हौले-हौले बदल देतीं हालात को,

अनकही, अनदिखी जीत हैं नारियाँ।


जोड़ लेतीं सहज तार संबंध के,

बंधनों में बँधीं मीत हैं नारियाँ।


मन को नहलातीं सुख-शांति के नीर से,

चाँदनी में बसी शीत हैं नारियाँ।


चल पड़ीं मंजिलों की तरफ आज ये,

मुश्किलों से न भयभीत हैं नारियाँ।


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